THE BASIC PRINCIPLES OF कौन सी वेब सीरीज सबसे अच्छी है

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unt ke gale mein ghanti Panchtantra ki kahani in Hindi

महात्मा गाँधी का सम्पूर्ण जीवन एक ऐसी किताब की तरह है जो हमें हर पेज को पलटने पर एक नयी शिक्षा देता है.

वह बार-बार सोचता कि नीचे कूद जाऊ और अपने दोस्तों से जा मिलु परन्तु उसे पेंड का मोह अपनी ओर खींचने लगता, आम रोजाना इसी सोंच में डूबा रहता।

“जब कोई हमें ठेस पहुँचाता है तो हमें इसे रेत में लिख देना चाहिए जहाँ क्षमा की हवाएँ इसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे पत्थर में उकेरना चाहिए, जहां कोई हवा उसे मिटा नहीं सकती। ”

बड़े काम के चक्कर में तुम यह भी भूल गए की छोटे-छोटे कामों को करके ही बड़ा काम किया जाता है। छोटे कामों से ही तो बड़े कामों की नीव रखी जाती है, और बड़ा बना जाता है। अब तुम ही बताओ की मेरे सेवा भाव में सहयोग देने के तुम मेरे शिष्य बन सकते हो क्या। 

  आपको कुछ खरीदना होता तो आप इसे आसानी से उपयोग कर सकते थे।”

पंचतंत्र की कहानी: बूढ़ा आदमी और उसकी पत्नी

समय की कीमत प्रेरक प्रसंग – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक हिंदी कहानी

"अत्यंत ईमानदार, दृढ़ संकल्प, शुद्ध आचरण और महान परिश्रमी, ऊँचे आदर्शों में पूरी आस्था रखने वाले निरंतर सजग व्यक्तित्व का नाम ही है- लाल बहादुर शास्त्री"( पंडित जवाहरलाल नेहरू)

सही राह – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी

उसने आलू को बर्तन से बाहर निकाला और एक कटोरे में रखा। उन्होंने अंडों को बाहर निकाला और उन्हें एक कटोरे में रखा। फिर उसने कॉफी को बाहर निकाला और एक कप में रखा।

“My mom opened a diner Once i was a kid, so, in essence, I grew up within the company. Being an Grownup, I ended up heading A different path—a thing safer plus more stable. But some thing saved nagging at me simply because I had been out on the company for so very long. I quit my Harmless occupation and took a task busing tables, as being a server and hostess so I could find out how a cafe business operates.

उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या here सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।

पत्नी भी पति की इस बात को सुनकर खुशी से आनंदित हो उठी और बोली – यह तो बड़ी सौभाग्य की बात है, आप तुरंत जाइये और जितना अधिक हो वहां से धन लेकर आइये। 

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